ओलंपिक से डिस्क्वलिफ़ाई होना शर्म नाक होता है. कोई अन्य देश और कोई अन्य एथलीट हो तो देश से क्षमा माँगे कि उनकी गलती से देश के किसी अन्य को मेडल मिल सकता था पर नहीं मिलने दिया, उल्टे देश में नक़ली मेडल छाप छाप कर ओलंपिक मेडल फोगाट को मिलने लगे.
अंत में जैसा सबको पता था चुनाव से पहले आधिकारिक रूप से #फोगाट/#पुनिया अब नेता बन गए हैं #कांग्रेस के. वैसे इज़्ज़तदार ख़िलाडी / अभिनेता नेता बने किसी भी दल से समस्या नहीं होती. इस केस में उन्होंने क्षद्यंत्र रचा यह निंदनीय है.
हो सकता है वह विधायक बन जाएँ जो उनके गाँव देहात के छुटभाइये समर्थकों के लिए बिग डील हो. लेकिन भारत जैसे देश में विधायक हर मुहल्ले में टहलते हैं, हाँ देश का नाम रखने वाले खिलाड़ी विधायक सांसद से बड़े माने जाते हैं. यहाँ लोग सांसदी छोड़ कमेंटेटर बनते हैं क्योंकि उसमे नेम फ़ेम ज्यादा है.
पर विनेश फोगाट ने एक विधायकी के टिकट के बदले भविष्य में ऐसे होने वाले कई असल उत्पीड़नों पर शक के बादल डाल दिये. अब सबको पता रहेगा कि सो काल्ड राष्ट्रीय एथलीट एक विधायकी की टिकट के लिए अपना ज़मीर अपना खेल अपने मेडल अपना चरित्र बेचने को तैयार रहते है।